2025 में हार्ट अटैक की समस्या बढ़ने के मुख्य कारण:
1. बढ़ता स्ट्रेस और मेंटल हेल्थ इश्यू
वर्कलोड, फाइनेंशियल प्रेशर, और रिलेशनशिप स्ट्रेस लोगों की मानसिक सेहत पर असर डाल रहे हैं, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ रहा है।
क्रोनिक स्ट्रेस और एंग्जायटी शरीर में कोर्टिसोल (Cortisol) हार्मोन को बढ़ाते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
स्लीप डिस्टर्बेंस (Insomnia, Sleep Apnea) की समस्या भी बढ़ रही है, जो हाई BP और हार्ट डिजीज को ट्रिगर कर सकती है।
2. अनहेल्दी डाइट और प्रोसेस्ड फूड का बढ़ता सेवन
जंक फूड, हाई-फैट डाइट, और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का सेवन लगातार बढ़ रहा है, जिससे कोलेस्ट्रॉल, हाई BP और डायबिटीज का खतरा ज्यादा हो रहा है।
ट्रांस फैट और हाई-शुगर वाले फूड्स से ब्लड वेसेल्स में सूजन (Inflammation) और ब्लॉकेज की संभावना बढ़ रही है।
डायट में ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर और हेल्दी फैट्स की कमी होने से हार्ट हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
3. डिजिटल लाइफस्टाइल और फिजिकल इनएक्टिविटी
2025 में ज्यादातर लोग बैठकर काम करने (Sedentary Lifestyle) में और भी ज्यादा समय बिता रहे हैं, जिससे ओबेसिटी, हाई BP और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर बढ़ रहे हैं।
मोबाइल, लैपटॉप, और स्क्रीन टाइम ज्यादा होने से लोग कम मूवमेंट कर रहे हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो रहा है।
वर्कआउट का ट्रेंड तो बढ़ा है, लेकिन गलत एक्सरसाइज या एक्सट्रीम वर्कआउट से हार्ट पर स्ट्रेस बढ़ सकता है।
4. एयर पॉल्यूशन और एनवायरनमेंटल फैक्टर्स
बढ़ता एयर पॉल्यूशन (PM 2.5 और PM 10) हृदय रोगों के लिए एक बड़ा जोखिम बन चुका है।
कार्बन मोनोऑक्साइड और टॉक्सिक गैसें हार्ट की ब्लड वेसेल्स को संकुचित कर सकती हैं, जिससे हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ता है।
खराब वायु गुणवत्ता (AQI) और स्मॉग की वजह से हार्ट पेशेंट्स को ज्यादा खतरा है।
5. हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) और डायबिटीज का बढ़ता केस
हाइपरटेंशन (High BP) और डायबिटीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो हार्ट अटैक के प्रमुख कारणों में से एक है।
इंसुलिन रेजिस्टेंस और मोटापा से धमनियों में प्लाक जमने (Atherosclerosis) की संभावना बढ़ जाती है।
साइलेंट हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं, जिनका समय रहते पता नहीं चलता और यह अचानक कार्डियक अरेस्ट में बदल सकता है।
6. नए वायरस और पोस्ट-इन्फेक्शन हार्ट इश्यूज
कोविड-19, RSV, और अन्य वायरल संक्रमणों से रिकवरी के बाद हृदय संबंधी समस्याएँ (Myocarditis, Blood Clots) सामने आ रही हैं।
पोस्ट-कोविड मरीजों में ब्लड क्लॉटिंग, हार्ट मसल्स की सूजन (Myocarditis), और हार्ट फेलियर जैसी दिक्कतें बढ़ रही हैं।
2025 में भी नए वायरस और बैक्टीरिया जनित बीमारियाँ हार्ट हेल्थ को प्रभावित कर सकती हैं।
7. हार्मोनल और जेनेटिक फैक्टर्स
महिलाओं में पीसीओएस (PCOS), मेनोपॉज और हार्मोनल इम्बैलेंस हार्ट डिजीज के रिस्क को बढ़ा रहे हैं।
युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं, जिसमें जेनेटिक कारण, लाइफस्टाइल और स्ट्रेस बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
कैसे बचें? (Prevention Tips for 2025)
✅ हेल्दी डाइट – प्रोसेस्ड फूड, ट्रांस फैट और शुगर से बचें, और फल, हरी सब्जियाँ, ओमेगा-3 और हेल्दी फैट्स लें।
✅ नियमित एक्सरसाइज करें – वॉकिंग, योग, और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को बैलेंस करें।
✅ ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को रेगुलर मॉनिटर करें।
✅ मेंटल हेल्थ को प्राथमिकता दें – मेडिटेशन, माइंडफुलनेस और पर्याप्त नींद लें।
✅ डॉक्टर से नियमित हार्ट चेकअप कराएँ (ECG, Lipid Profile, BP Monitoring)।
✅ एयर पॉल्यूशन से बचाव करें – मास्क पहनें, घर के अंदर एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष
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